1. परिचय: नशा सिर्फ आदत नहीं, बीमारी है
नशा मतलब सिर्फ किसी पदार्थ को बार-बार लेना नहीं, बल्कि वह स्थिति जिसमें दिमाग, शरीर और व्यवहार तीनों किसी पदार्थ पर निर्भर हो जाते हैं। यह शराब हो सकती है, तंबाकू, सिगरेट, गांजा, अफीम, हेरोइन, कोकीन, पेन-किलर या कोई अन्य ड्रग। एक बार शरीर और दिमाग इसकी लत में फंस जाएं, तो केवल इच्छा-शक्ति से इसे छोड़ना लगभग असंभव हो जाता है।
यही कारण है कि आधुनिक चिकित्सा इसे एक बीमारी मानती है और इसके लिए वैज्ञानिक तरीके से इलाज किया जाता है। इस इलाज में कई तरह की दवाएँ उपयोग की जाती हैं जिन्हें ड्रग डिअडिक्शन मेडिसिन कहा जाता है। इन दवाओं का काम होता है नशे की इच्छा कम करना, शरीर को नियंत्रित रखना, withdrawal के लक्षणों को कम करना और मरीज को दोबारा नशा करने से रोकना।
यह ब्लॉग आपको 2025 में उपलब्ध नशा मुक्ति दवाओं की पूरी सूची, उनकी कीमत, उनका उपयोग, फायदे और सावधानियाँ एक ही जगह पर आसान भाषा में समझाएगा।
2. नशा छोड़ने में दवाओं की क्या भूमिका होती है
कई लोगों को लगता है कि नशा छोड़ना सिर्फ इच्छा-शक्ति या परिवार के दबाव से हो सकता है। लेकिन वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि नशे की लत दिमाग के reward system को बदल देती है।
इसका मतलब:
दिमाग आदत वाले पदार्थ के बिना ठीक से काम नहीं कर पाता
नशा छोड़ते ही बेचैनी, घबराहट, चिड़चिड़ापन, पसीना, सिरदर्द या अन्य withdrawal लक्षण आते हैं
कुछ समय बाद cravings इतनी तेज होती है कि इंसान खुद को रोक नहीं पाता
इसीलिए दवा का उपयोग किया जाता है। ये दवाएँ काम करती हैं:
दिमाग के बदले हुए chemicals को संतुलित करने में
cravings को कम करने में
withdrawal symptoms को नियंत्रित करने में
शरीर की तंत्रिका प्रणाली को शांत करने में
दोबारा नशा शुरू होने की संभावना कम करने में
दवाएँ अकेले इलाज नहीं हैं, लेकिन recovery के पूरे सफर को आसान बनाती हैं।
3. नशा छुड़ाने वाली दवाओं की मुख्य श्रेणियाँ
2025 में नशा मुक्ति उपचार को चार हिस्सों में बांटा जाता है:
शराब छोड़ने की दवाएँ
सिगरेट/तंबाकू छोड़ने की दवाएँ
ओपिऑइड/हेरोइन/पेन-किलर छोड़ने की दवाएँ
मानसिक संतुलन बनाए रखने वाली सहायक दवाएँ
इन सभी की जानकारी और औसत कीमत नीचे विस्तार से दी जा रही है।
4. 2025 की सर्वाधिक उपयोग की जाने वाली नशा मुक्ति दवाएँ और उनकी कीमत
4.1 शराब छोड़ने की प्रमुख दवाएँ
1. Disulfiram (डिसल्फिराम)
उपयोग:
Disulfiram शराब छोड़ने की सबसे पुरानी और प्रभावी दवाओं में से एक है। यह दवा शराब पीने पर शरीर में बुरा रिएक्शन पैदा करती है जिससे मरीज डर के कारण भी शराब से दूर रहता है।
शराब पीते ही क्या होता है:
चेहरा लाल पड़ना
धड़कन तेज होना
उल्टी की भावना
बेचैनी
सिरदर्द
बहुत खराब महसूस होना
इसीलिए इसे aversion therapy कहा जाता है।
कब दी जाती है:
जब मरीज खुद शराब छोड़ने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो
जब फैमिली निगरानी कर सके
जब मरीज शराब पीना बंद कर चुका हो और इसे बनाए रखना चाहता हो
लगभग कीमत (India 2025):
250 mg की 10 टैबलेट स्ट्रिप की औसत कीमत
15 रुपये से 40 रुपये
(ब्रांड और फार्मेसी के आधार पर फर्क पड़ता है)
सावधानी:
यह दवा शराब पीने वाले को कभी नहीं दी जाती। थोड़ी सी शराब या शराब मिले उत्पादों से भी गंभीर प्रतिक्रिया हो सकती है।
2. Acamprosate (अकैम्प्रोसेट)
उपयोग:
यह दवा लंबे समय से शराब पीने के कारण बदले हुए दिमाग के chemicals को संतुलित करती है। शराब छोड़ने के बाद आने वाली बेचैनी, नींद की दिक्कत, चिढ़चिढ़ापन और cravings को कम करती है।
फायदे:
शराब छोड़ने के बाद स्लिप होने की संभावना घटाती है
mood को स्थिर करती है
शरीर को शांत रखती है
लगभग कीमत:
333 mg टैबलेट (6–10 टैबलेट वाली स्ट्रिप)
90 रुपये से 200 रुपये
(ब्रांड के आधार पर)
किसे दी जाती है:
शराब पूरी तरह छोड़ चुके लोगों को
रिलैप्स रोकने के लिए
लंबे समय के इलाज (3–12 महीने) में
3. Naltrexone (नाल्ट्रेक्सोन)
उपयोग:
यह दिमाग में “नशे का आनंद” देने वाले प्रभाव को ब्लॉक करता है। इससे शराब पीने पर कोई मज़ा नहीं आता, cravings कम होती हैं और शराब की लत धीरे-धीरे खत्म होती है।
यह दवा शराब और ओपिऑइड दोनों पर निर्भर लोगों में उपयोग होती है।
लगभग कीमत:
50 mg की 10 टैबलेट की औसत कीमत
500 से 800 रुपये
कुछ ब्रांड्स में थोड़ी कम/ज्यादा भी हो सकती है।
फायदे:
cravings काफी कम
relapse risk कम
लंबे समय तक असर
सावधानी:
लिवर फंक्शन जरूरी है। डॉक्टर द्वारा टेस्ट कराने के बाद ही शुरू की जाती है।
4.2 सिगरेट और तंबाकू छोड़ने की दवाएँ
1. Nicotine Gum (निकोटीन गम)
यह सबसे लोकप्रिय और आसान तरीका है तंबाकू छोड़ने का।
उपयोग:
सिगरेट के बिना शरीर को कम मात्रा में सुरक्षित निकोटीन देता है
withdrawal लक्षणों को कम करता है
धीरे-धीरे निकोटीन की मात्रा घटाकर addiction खत्म करता है
लोकप्रिय ब्रांड:
Nicotex
Nicorette
Nicochoice
लगभग कीमत:
10 gums का पैक: 50 से 120 रुपये
बड़े पैक्स (90–100 gums): 700 से 3000 रुपये
बड़े पैक में प्रति gum की कीमत कम हो जाती है।
2. Nicotine Patch
ये त्वचा पर चिपकाए जाते हैं और शरीर में धीरे-धीरे निकोटीन छोड़ते हैं।
फायदे:
cravings नियंत्रित
स्मोकिंग की इच्छा में कमी
दिनभर steady dose
लगभग कीमत:
एक पैक की कीमत 600 से 1200 रुपये
(ब्रांड के अनुसार)
3. Bupropion
यह एक प्रिस्क्रिप्शन दवा है जो दिमाग में निकोटीन से जुड़े chemicals को शांत करती है।
उपयोग:
स्मोकिंग की इच्छा कम
withdrawal नियंत्रित
mood stabilisation
कीमत:
ब्रांड के अनुसार बदलती है, सामान्यतः 150–300 रुपये प्रति strip।
4. Varenicline
भारत में availability समय-समय पर बदलती है। यह दवा धूम्रपान की लत पर बहुत प्रभावी साबित हुई है।
उपयोग:
दिमाग के nicotine receptors पर असर
cravings लगभग खत्म
withdrawal काफी कम
4.3 ओपिऑइड, हेरोइन, अफीम और पेन-किलर पर निर्भर लोगों की दवाएँ
यह उपचार सामान्य दवाओं से अलग होता है और केवल विशेषज्ञ डॉक्टर या अधिकृत नशा-मुक्ति केंद्रों पर ही दिया जाता है।
1. Buprenorphine
ओपिऑइड डिपेंडेंसी में यह दवा बेहद प्रभावी होती है।
उपयोग:
शरीर की craving कम
withdrawal काफी नियंत्रित
वापसी की संभावना कम
कीमत:
ब्रांड, राज्य और सेंटर के हिसाब से बदलती है। सामान्यतः
20–80 रुपये प्रति टैबलेट या उससे अधिक।
2. Buprenorphine + Naloxone कॉम्बिनेशन
यह misuse रोकने के लिए दिया जाता है।
3. Methadone
भारत में कुछ सरकारी और लाइसेंस प्राप्त केंद्रों में ही उपलब्ध।
उपयोग:
ओपिऑइड पर निर्भर लोगों को धीरे-धीरे सामान्य जीवन की ओर लाना
cravings और withdrawal पर नियंत्रण
4. Naltrexone
डिटॉक्स के बाद relapse रोकने में उपयोग।
5. ड्रग डिअडिक्शन मेडिसिन प्राइस किन कारणों से बदलता है
1. ब्रांड बनाम जेनेरिक
जेनेरिक दवाएँ हमेशा सस्ती होती हैं। यदि डॉक्टर अनुमति दें तो जेनेरिक विकल्प पूछा जा सकता है।
2. ऑनलाइन बनाम ऑफलाइन प्राइस
ऑनलाइन फार्मेसी में 10–30 प्रतिशत तक डिस्काउंट मिलना सामान्य है।
3. स्ट्रिप साइज
6 टैबलेट वाली और 10 टैबलेट वाली स्ट्रिप की कीमत अनुपात में अलग होती है।
4. शहर के अनुसार
बड़े शहरों में कीमतें थोड़ी ज़्यादा और छोटे शहरों में कम हो सकती हैं।
5. सरकारी योजना
प्रधान मंत्री जन औषधि केंद्रों पर कई दवाएँ काफी सस्ती मिलती हैं।
6. क्या नशा छुड़ाने की दवाएँ सुरक्षित हैं
सुरक्षा पूरी तरह सही उपयोग पर निर्भर करती है।
सुरक्षित कब:
डॉक्टर द्वारा निर्धारित मात्रा में
नियमित मॉनिटरिंग के साथ
दवा के साथ काउंसलिंग लेने पर
असुरक्षित कब:
खुद से लेना
इंटरनेट देखकर treatment शुरू करना
दवा अचानक बंद कर देना
शराब के साथ कोई दवा लेना
7. क्या सिर्फ दवा से नशा छूट सकता है
नहीं। दवा सिर्फ एक हिस्सा है। पूरा उपचार शामिल होता है:
दवा
काउंसलिंग
मनोवैज्ञानिक सहायता
परिवार का सपोर्ट
नियमित फॉलो-अप
लाइफस्टाइल बदलाव
सपोर्ट ग्रुप
डॉक्टर बताते हैं कि जिन मरीजों ने दवा के साथ काउंसलिंग ली, उनमें success rate 60–70 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
8. एक सही नशा मुक्ति योजना कैसी दिखती है
चरण 1: आकलन
डॉक्टर मरीज की पूरी history, नशे का प्रकार, मात्रा और परिवार की सहभागिता देखते हैं।
चरण 2: डिटॉक्स
शरीर से नशा निकालने और withdrawal संभालने का चरण।
चरण 3: दवा शुरू
नशे के प्रकार के अनुसार दवा दी जाती है।
चरण 4: काउंसलिंग और थेरेपी
व्यवहार, विचारों और भावनाओं को संतुलित करने के लिए।
चरण 5: रिलैप्स रोकथाम
ट्रिगर्स से बचना, नियमित फॉलो-अप, सपोर्ट सिस्टम बनाना।
चरण 6: दीर्घकालिक देखभाल
6 महीने से 2 साल तक लगातार उपचार और मॉनिटरिंग।
9. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1: क्या दवाएँ बहुत महंगी होती हैं
शराब छोड़ने वाली दवाएँ काफी सस्ती हैं।
तंबाकू छोड़ने की दवाएँ 50 रुपये से शुरू हो जाती हैं।
ओपिऑइड के उपचार में दवाएँ थोड़ी महंगी हो सकती हैं लेकिन नशे की लत के खर्च की तुलना में बहुत कम हैं।
प्रश्न 2: क्या दवाएँ हमेशा लेनी पड़ती हैं
नहीं। समयावधि अलग-अलग होती है:
शराब: 6–12 महीने
तंबाकू: 3–6 महीने
ओपिऑइड: 1–3 वर्ष (मरीज पर निर्भर)
प्रश्न 3: क्या नशा छुड़ाने की दवा बंद करने पर नशा वापस आ जाता है
यदि काउंसलिंग न हो या अचानक दवा बंद की जाए तो relapse हो सकता है। इसलिए डॉक्टर हमेशा योजना के साथ दवा बंद कराते हैं।
प्रश्न 4: सबसे अच्छी दवा कौन सी है
हर मरीज के लिए अलग होती है। शराब, तंबाकू और ड्रग्स के लिए सभी की अपनी दवाएँ हैं। सही दवा वही है जिसे डॉक्टर आपकी स्थिति और रिपोर्ट के अनुसार चुनते हैं।
